इस वर्ष के विश्व शौचालय दिवस की थीम 'सस्टेनेबल सैनिटेशन' (अर्थात सतत स्वच्छता) है, यह एक ऐसी थीम है जिसमें सुरक्षित रूप से प्रबंधित सैनिटेशन सिस्टम को सुलभ बनाना, हाइजीन से जुड़ी अच्छी आदतों को अपनाना और हमारे स्वास्थ्य को बेहतर रखने में टॉयलेट की महत्ता जैसी बातें शामिल हैं।
भारत में कई समुदायों के लिए पहले से ही यह एक मुद्दा रहा है; और फिर कोरोनोवायरस के प्रकोप ने हमें और हमारे प्रियजनों को सुरक्षित और स्वस्थ रखने में स्वच्छता की महत्वपूर्ण भूमिका पर नई रोशनी डाली है।
हर जगह, हर किसी के लिए बेहतर स्वास्थ्य और सुरक्षा हेतु टॉयलेट और बाथरूम की स्वच्छता को बढ़ाने में मदद करने के हमारे मिशन से प्रेरित हम इस विश्व शौचालय दिवस पर यहां हार्पिक में अपनी भूमिका निभाना आगे भी जारी रखेंगे। भारत में, हमने मिशन स्वच्छता पानी और Water.org के साथ साझेदारी की है, और हमने हार्पिक वर्ल्ड टॉयलेट कॉलेज की स्थापना भी की है, जो वास्तव में हमारी ब्रांड लाइन 'क्लीन दैट मेक डिफरेंस' को साकार करता है।
हार्पिक का मिशन स्वच्छता पानी क्या है? आज भारत में, पर्याप्त मात्रा में पानी की अनुपलब्धता कई घरों के लिए अपने टॉयलेट की स्वच्छता और साफ-सफाई बनाए रखने में रुकावट पैदा कर रही है। 600 मिलियन (60 करोड़) से अधिक भारतीय घरों को पानी की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है, और वर्ष 2030 तक अनुमानित रूप से भारत में पानी की मांग उपलब्ध आपूर्ति की दोगुनी हो जाएगी जो स्थिति को और भी बदतर बना देगी। भारत के सबसे बड़े मीडिया घरानों में से एक, नेटवर्क 18 के साथ साझेदारी में मिशन स्वच्छता और पानी पहल को संचालित करते हुए हम एक ऐसा इकोसिस्टम बना रहे हैं, जिससे भारत में लाखों लीटर पानी को बचाने में मदद मिलेगी ताकि भारत में किसी भी घर को पानी की अपर्याप्त उपलब्धता के चलते अपने स्वास्थ्य और स्वच्छता के साथ समझौता न करना पड़े।